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Showing posts from October, 2024

(43) ये बॉम्बे शहर का बड़ा नाम है।

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                   ये बॉम्बे शहर का बड़ा नाम है गाना :  ये बॉम्बे शहर का बड़ा नाम है । फिल्म : क्या ये बॉम्बे है (1959)। गायक : मोहम्मद रफ़ी। गीत -नूर देवासी। संगीतकार : बिपिन दत्ता। हीरो : मारुति। हीरोइन : निशी कोहली। परदे पर : मारुती, एक अज्ञात सह-कलाकार, बंबई की सड़कें, बिल्डिंग्स, बस और लोकल ट्रेन आदि।  (पहले फिल्म का नाम रखा गया था- ये बंबई है। बाद में इस फिल्म का नाम रख दिया गया- क्या ये बंबई है?) ये  एक कम बजट वाली फिल्म थी जिसमें कम प्रसिद्ध  और लगभग अनजान कलाकारों ने काम किया। दर्शकों को बिल्कुल प्रभावित नहीं कर पाई और उसका वही हाल हुआ जो अक्सर B/C ग्रेड की अधिकतम फिल्मों के साथ होता है। फिल्म पिट गई। आज का गाना भी कोई हिट गाना नहीं रहा। लेकिन फिर भी कभी-कभी याद कर लिया जाता है। सिर्फ इसलिए कि इसे मोहम्मद रफी ने गाय...

(42) है अपना दिल तो आवारा (1958)

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।               है अपना दिल तो आवारा। गाना:  है अपना  दिल तो आवारा ।  फिल्म :  सोलहवां साल  (1958)। गायक : हेमंत कुमार। हीरो : देव आनंद। हीरोईन : वहीदा रहमान।  गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी। संगीतकार :एसडी बर्मन। निर्देशक : राज खोसला। परदे पर: देव आनंद, वहीदा रहमान, सुंदर, जगदेव और बंबई की ऐतिहासिक लोकल ट्रेन। (यह गीत 1958 के बिनाका गीतमाला फाइनल में पहले स्थान पर रहा था।)      जब भी रेल गीतों की बात होती है तो ये गीत लगभग सभी संगीत प्रेमियों और रेल प्रेमियों के जेहन में आ ही जाता है। अधिकतर दोस्त इस गाने और 'मेरे सपनों की रानी' का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। तो आज  इस गाने का नंबर आ ही गया है, 40 रेल गीतों के लिखे जाने के बाद! अब आप ही सोचिए 'मेरे सपनों की रानी' का नंबर कब आएगा! (लगभग 85 रेल गीतों के बाद!)...