(8) धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए।
पंकज खन्ना
9424810575
धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए।
जवानी की नैय्या बहाए लिए जाए। जवानी की नैय्या बहाए लिए जाए। हां बहाए लिए जाए। हां बहाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए।
दिल का पता, दिल का पता और न मंजिल का पता आ आ।दिल का पता और न मंजिल का पता हाए। दिल का पता और न मंजिल का पता हाए। दिल का पता और न मंजिल का पता आ आ।
किश्ती का पता, किश्ती का पता और न साहिल का पता हाए।जिधर जी में आए भगाए लिए जाए। जिधर जी में आए भगाए लिए जाए। हां भगाए लिए जाए। हां भगाए लिए जाए।
धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए।
पल के लिए ,पल के लिए है ये भरा रेल का मेला आ आ।पल के लिए ,पल के लिए है ये भरा रेल का मेला।
इंजन का जहां, इंजन का जहां साथ मिला पल में झमेला।
जीवन का नाटक दिखाए लिए जाए। जीवन का नाटक दिखाए लिए जाए। हां दिखाए लिए जाए। हां दिखाए लिए जाए।
धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए। धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए।
इस गीत में हीरो और हीरोइन यानी रोज़ और परेश बैनर्जी एक दूसरे को बड़े प्यार से देखकर परदे पर गाना रहे हैं। परेश अभिनय भी कर रहे हैं और गा भी रहे हैं। रोज़ के लिए पार्श्व गायन किया है राजकुमारी ने।
उनके बीच परदे पर केमिस्ट्री भी लाजवाब है। अगर आप गाने के शब्दों पर ध्यान न दें और सिर्फ इन्हीं दोनों को देखें तो लगेगा कि ये एक बहुत रोमांटिक गीत चल रहा है!
अब आते हैं गाने के शब्दों पर! कही कोई परस्पर प्रेम की बातें नहीं! सिर्फ और सिर्फ रेल के स्टीम इंजन की प्रशंसा और दार्शनिक अंदाज में रेल यात्रा का बखान! प्रेम से एक दूसरे को देख रहे हैं और कर रहे हैं रेल स्तुति! और ये रेल स्तुति इसलिए हो रही है क्योंकि और एक यात्री ( पी जयराज, शायद) भी डब्बे में मौजूद है!
कौनसी ट्रेन और कौनसा स्टीम इंजन है ये तो पता नहीं लग पाता है लेकिन ट्रेन के डिब्बे का इमारती लकड़ी का सुंदर इंटीरियर बहुत भव्य दिखाई देता है। नजर भर देखने से ही मजा आ जाएगा।
रेल और स्टीम इंजन की प्रशंसा होती है तो रेल प्रेमियों को अच्छा ही लगता है। आप भी स्टीम इंजन की रेल की तारीफ सुनें और जरूर देखिए ये अनूठा गाना: धुएं की गाड़ी उड़ाए लिए जाए!
**रोज़ (1911-1985)
रोज़ पर फिल्माए गए कुछ प्रमुख गाने इसी फिल्म नई कहानी में देख सकते हैं। उनकी अन्य फिल्मों के नाम हैं:पति भक्ति (1922), अपराधी (1931), बालिका बधू (1931), तुर्की शेर (1933),अलादीन और जादूई चिराग - (1933), हमारी बेटियां (1936), मिस्टर एक्स. (1938), हम तुम और वो (1938), अधूरी कहानी (1939), माला (1941) और रामायणी (1945)।