रेल संगीत का पहला पड़ाव (1941-1959): सार



जब रेल संगीत पर लिखना शुरू किया था तो इस अज्ञानी को लगा था कि रेल पर शायद अधिक से अधिक 50-60 गाने होंगे। लेकिन शोध के साथ गानों की संख्या लगातार बढ़ती गई। अब तक लगभग 180 रेल गीतों की सूची बन चुकी है। और ये संख्या कहां जा कर रुकेगी? पता नहीं। गानों की लिस्ट नहीं हुई, हनुमान जी की पूंछ हो गई!

रेल संगीत के पहले पड़ाव में 1940 और 1950 के दशकों में बनी हिंदी फिल्मों के इन गानों से हमें क्या मिला!? एक अनूठे, अकेले, इतिहास के बोझ में दशकों से दबे  बावा ( हमारे कॉलेज SGSITS Indore का Industrial Steam Engine 🚂!) और 43 उम्दा रेल गीत!! 

बावा और इन सभी 43 गानों और के बारे में विस्तृत चर्चा की जा चुकी है। अब थोड़ा सा रुकते हैं और अभी तक की गई रेल यात्रा को स्मरण करते हैं: क्या पाया और क्या पाया! ( 'क्या खोया' का कोई विकल्प ही नहीं है!)

सबसे अच्छी बात तो ये है कि ये सभी रेल गीत ब्लैक एंड वाइट में फिल्माए गए हैं और भारतवर्ष की सुंदर, सुमधुर, संगीतिय, सांस्कृतिक समृद्धता समेटे हुए हैं। कहने को तो ये  सभी रेलगीत हैं लेकिन फिर भी एक दूसरे से काफी भिन्न हैं। इनमें आपको रेलगति के अलावा  हास्य, करुणा, प्रेरणा, प्रणय, देशभक्ति, विरह और श्रृंगार आदि  सभी तरह के रस मिलेंगे। 

उस समय का रेल के साथ जबरदस्त स्टंट वाला कॉमिक लेकिन कम सुना गाना चल मेरी गडिये भी मिलेगा, जरूर देखें। एक प्राचीन रेल गीत ऐसा भी मिलेगा जिसमें महिलाएं पुरुषों की रेल में 'रैगिंग' कर रही हैं: हैलो हैलो जेंटलमैन। कुछ बेहतरीन भुला दिए गए भिक्षुक गीत भी मिलेंगे जैसे: जीवन की गाड़ी चलती है और ठोकर नसीब की जो खाकर ।


कुछ गीत  ऐसे भी हैं जो काफी प्रचलित  हैं लेकिन  जिनको  प्रायः रेल से नहीं जोड़ा जाता है जैसे: आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं, देख तेरे संसार की हालत, मुझे सच सच बता दो तुम, भाभी आई, चल उड़ जा रे पंछी, ये बंबई शहर का बड़ा नाम है आदि।
 
कुछ बहुत ही कम सुने हुए गायक और गायिकाएं जिन्होंने ये वाले रेल गीत गाए हैं उनके नाम हैं: प्रेम अदीब, परेश बैनर्जी, ईश्वरलाल, असित बरन, श्याम कुमार, ललिता देऊलकर, राज खोसला (गायक के रूप में), इन्दुरानी, शेख, मीनल वाघमोतीलाल और अनिल बिस्वास (गायक के रूप में)।

और कुछ कम सुने संगीतकार जिन्होंने ये रेल गीत बनाए वो हैं: फिरोज़ निजामी, जाफर खुर्शीद, ज्ञान दत्त, के कुमार, विनोद, गुलाम मोहम्मद, बी एस कल्ला, कनू घोष और बिपिन दत्ता


(आप इन गायक, गायिकाओं, संगीतकारों और गीतकारों के नामों को क्लिक कर इनके गाए/संगीत रचे/लिखे गए रेल गीत के बारे में और अधिक जान सकते हैं।)

कुछ संगीतप्रेमी ये ढूंढने की कोशिश करने लग जाते हैं कि किसी भी लिस्ट में सर्वोत्तम गीत कौनसा है। यहां ऐसी किसी भी तुलना की आवश्यकता नहीं है। सभी गीत एक से बढ़कर एक हैं। ये सभी गीत निर्माता/निर्देशक/संगीतकार/गीतकार/ गायक/गायिका/हीरो/हीरोइन और अन्य कलाकारों की  टीम द्वारा किए गए अथक प्रयत्नों से बने हैं। इन्हें संजोकर याद करने की जरूरत है।

इन 43 रेल गीतों में से निम्नलिखित गानों के विडियोज़ अभी तक नहीं मिल पाए हैं:

 (9) पिया देस है जाना । फिल्म: जबान (1943)। गायक और अभिनेता: ईश्वरलाल। संगीतकार : सी रामचंद्र। गीतकार: माहिर उल कादरी।

(12) चली गाड़ी धुआं ये उड़ाती चली। फिल्म: दिल (1946)। गायिका: नूरजहां। गायक: मोतीलाल। गीतकार: रज़ीउद्दीन।संगीतकार: जाफर खुर्शीद। 

(14) चले चकचक चक चक रेल  फिल्म: मेरा मुन्ना (1948)।  गायिका: ललिता देऊलकर और एक अन्य अज्ञात गायिका। गीतकार: कमर जलालाबादी। संगीतकार: सी रामचंद्र।

(19) छक छक चली हमारी रेल । फिल्म: नाच (1949)। गायिका: गीत दत्त और लता मंगेशकर। गीतकार: मुल्कराज भाकरी। संगीतकार: हुस्नलाल भगतराम।

(23)हमारे दिल के स्टेशन पे । फिल्म: फिफ्टी-फिफ्टी (1950)। गायिका: इंदुरानी। गायक: शेख। गीतकार: अंजुम रहमानी। संगीतकार: के कुमार।

(24) दिल का ये इंजन सीटियां मारे । फिल्म: उस्ताद पेड्रो (1951)। गायक: चितलकर। गायिका: लता मंगेशकर।   गीतकार: राजा मेंहदी अली खान। संगीतकार : सी रामचंद्र।

(33) ये दुनिया  की रेल मुसाफिर  । फिल्म: सितारा (1955)। गायक: मोहम्मद रफी। गीतकार: शकील बदायूंनी। संगीतकार: गुलाम मोहम्मद।

(40) एक गाड़ी इधर से हमारी चली। फिल्म: छोटे बाबू (1957)। गायिका: शमशाद बेगम और आशा भोंसले। गीतकार: पी एल संतोषी। संगीतकार :मदन मोहन।

संगीत प्रेमियों से निवेदन है कि यदि आपको उक्त रेल गीतों के वीडियो के बारे में पता हो तो जरूर बताएं।

अब बात कर लेते हैं बावा (हमारे कॉलेज SGSITS  Indore के Industrial Engine 🚂) की। बावा सच में रेल संगीत का प्रतिफल (Byproduct)  हैं! रेल संगीत की बातें करते-करते हमारे कॉलेज में रखे  इस दशकों पुराने स्टीम इंजिन की याद आ गई। इसकी थोड़ी जांच परख की तो रहस्य की परतें खुलती गईं। और हमें बावा मिल गए! 43 गीतों के साथ इन्हें भी पा लिया!

रेल संगीत कुछ महीनों के लिए पटरी से उतर गया और दिल और दिमाग पर बस बावा छा गए। आप अगर बावा के बारे में और अधिक जानना चाहें तो बावा  पर क्लिक करें।

अब उम्मीद हो गई है कि बावा को सही जगह पर स्थापित कर दिया जाएगा। इसलिए रेल संगीत को फिर से पटरी पर ले आते हैं। आप पहले पड़ाव के सारे रेल गीतों का अच्छे से आनंद अवश्य लें! पहले पड़ाव के गीतों में बहुत सी कमियां और त्रुटियां होंगी। आप कृपया बता भर दीजिए, सुधारने की हर संभव कोशिश की जाएगी।🙏

नव वर्ष से शुरू कर देंगे रेल संगीत का दूसरा पड़ाव: साठ के दशक के मधुर रेल गीत! 



पंकज खन्ना
9424810575

मेरे कुछ अन्य ब्लॉग:

हिन्दी में:

तवा संगीत : ग्रामोफोन का संगीत और कुछ किस्सागोई।
ईक्षक इंदौरी: इंदौर के पर्यटक स्थल। (लेखन जारी है।)

अंग्रेजी में:

Love Thy Numbers : गणित में रुचि रखने वालों के लिए।
Epeolatry: अंग्रेजी भाषा में रुचि रखने वालों के लिए।
CAT-a-LOG: CAT-IIM कोचिंग।छात्र और पालक सभी पढ़ें।
Corruption in Oil Companies: HPCL के बारे में जहां 1984 से 2007 तक काम किया।


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