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Showing posts from June, 2024

(21) रेल में जिया मोरा सन् नन् होए रे।(1950)

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पंकज खन्ना  9424810575 रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।   आज का गीत है रेल में जिया मोरा सन नन होए रे ! फिल्म का नाम है आंखें (1950)। आज तक आंखें नाम की चार फिल्में आ चुकी हैं। ये  वाली 'आंखें'  सबसे पहले  आई थी। इन फिल्म वालों की आदत हो गई है हम लोगों को आंखें दिखाने की! गायक कलाकार हैं राज खोसला। उन्होंने बहुत बढ़िया गाया है ये गीत। जी, ये वही राज खोसला हैं जो जाने माने निर्माता निर्देशक हैं। आए तो ये गायक बनने ही थे पर बन गए निर्माता निर्देशक! इसका उत्तम संगीत दिया है मदन मोहन ने। ये मदन मोहन की पहली फिल्म थी। जानते हैं उनके असिस्टेंट कौन थे!? राज खोसला! बाद में राज खोसला की अधिकतर फिल्मों में संगीत मदनमोहन का ही होता था! (वैसे मदन मोहन  ने स्वयं तो गिने-चुने 8-10 गाने ही गाएं है पर इसी पहली फिल्म में शमशाद बेगम के साथ एक बहुत बढ़िया युगल गीत  गाया है: हमसे न दिल को लगाना मुसाफिर ।) ' रेल में जिया मोरा सन नन होए रे ' ...

(20) मुझे सच-सच बता दो तुम! क्या!!!???

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                                मुझे सच सच बता दो। गाना: मुझे सच सच बता दो। फिल्म: बावरे नयन। गायक : मुकेश। गायिका: राजकुमारी। हीरो: राज कपूर। हीरोइन: गीता बाली। गीतकार, निर्माता और निर्देशक: केदार शर्मा।                       राजकुमारी (1924-2000) कुछ पाठक दोस्त बढ़ी बेसब्री से साठ और सत्तर के दशकों के प्रसिद्ध रेल गीतों के बारे में पढ़ना और सुनना चाहते हैं। अब तक चालीस के दशक के कुल 19 रेल गीत पर लेख लिखे जा चुके हैं। आगे ये संख्या बढ़ भी सकती है! हम अब इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ चुके हैं। आज से पचास के दशक के रेल गानों का श्रीगणेश कर रहे हैं। पचास के दशक में बहुत ही मधुर रेलगीत बनाए गए हैं और इन गानों की संख्या कम से कम 26 है। ढंग से लिख...

(19) छक छक चली हमारी रेल

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                                   छक-छक चली हमारी रेल गाना:  छक छक चली हमारी रेल । फिल्म: नाच (1949)।गायिका: गीत दत्त और लता मंगेशकर। गीतकार: मुल्कराज भाकरी। संगीतकार: हुस्नलाल भगतराम। नायक:श्याम नायिका: सुरैया। निर्देशक: रविन्द्र दवे। निर्माता: कुलदीप सहगल। दुर्भाग्य से इस गाने  का वीडियो Youtube पर उपलब्ध नहीं है। और फिल्म नाच भी Youtube पर नहीं दिख रही है। इसका मतलब ये है कि इस गाने के लिए भी कल्पना के सागर में गोते लगाने होंगे! पहले गाने के बोल पढ़ लेते है और फिर गाना भी सुन लेते  हैं:  छक छक चली हमारी रेल । आज के गाने के बोल:          लता और गीता दत्त: छक -छक चली हमारी रेल। छक-छक चली हमारी रेल। ये है आग पानी का खेल। ये है आग पानी का खेल। देखो अंग्रेजों का ...

(18) ज़रा सुन लो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं।

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।    ज़रा सुन लो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं। गाना:  ज़रा सुन लो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं। फिल्म:  बाजार (1949) । गीतकार: कमर जलालाबादी। संगीतकार: श्याम सुंदर और हुस्नलाल-भगतराम। गायिका: राजकुमारी, लता मंगेशकर और साथी।(निगार सुलताना, कुक्कू और साथियों पर फिल्माया गया गाना)। ये गाना या कव्वाली एक  रेलगीत भी  है। निगार सुलताना और उनकी महिला नाटक मंडली (थिएटर ग्रुप) इस कव्वाली को गा रहे हैं। पुरुष साजिंदे छुपा दिए गए हैं।और ये कव्वाली बन जाती है All Female कव्वाली! सामान्यतः कव्वालियां सूफियाना होती हैं। लेकिन फिल्मी कव्वालियों में आम तौर पर दो ग्रुप होते हैं एक पुरुषों का और दूसरा महिलाओं का।  दोनों तरफ से एक दूसरे पर प्यार/व्यंग्य/दर्द भरे शब्द बाण छोड़े जाते हैं। कव्वाल और दर्शक/श्रोता इन कव्वालियों का भरपूर आनंद लेते हैं। आज की कव्वाली प्रसि...

(15) ये प्यार की बातें ये सफर भूल न जाना।।

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                 ये प्यार की बातें ये सफर भूल न जाना गाना: ये प्यार की बातें ये सफर भूल न जाना । फिल्म: अनोखी अदा । गायक : मुकेश। गीतकार: शकील बदायूंनी। संगीतकार: नौशाद। ये गाना प्रेम अदीब और नसीम बानो पर  रेल में फिल्माया गया था। ये सुंदर मधुर गाना स्वयं व्याख्यात्मक मतलब Self Explanatory है। दिल की सरल भाषा में लिखा है। ये शकील बदायूंनी की लुभावनी लेखनी है। कम से कम इस गाने में कोई दिमाग लगाने की जरूरत ही नहीं है। तेल देखो, तेल की धार देखो। मतलब रुको, सब्र  करो। पहले ये गाना देखो, गाना सुनो और सहज रोमांस देखो। कोई लाग लपेट नहीं।  ट्रेन की छत पर खड़े होकर पब्लिक इकट्ठा करके नाचने गाने  की जरूरत नहीं है। और न ही बहुत सारे वाद्य यंत्रों को एक साथ बजाने की आवश्यकता है। ये नौशाद का सुगम संगीत है।न ही इस गाने में आलाप-विलाप, बड़ी-बड़ी तानें छेड़ी...

(16) हैलो हैलो जेंटलमैन!

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।       हैलो हैलो जेंटलमैन, मिलाते क्यों नहीं हमसे नैन। गाना:  हैलो हैलो जेंटलमैन!  फिल्म: एक्ट्रेस(1948)। गायिका: ललिता देउलकर और शमशाद बेगम। गीतकार: राजा मेंहदी अली खान। संगीतकार : श्याम सुंदर। रेल के डब्बे में एक कोने में टाई सूट पहने फिल्म के हीरो प्रेम अदीब बैठे हैं दूसरी तरफ दस-बारह लुगाईयों का झुंड। वो क्या कहते थे पुरानी कहावत में? फंस गई रजिया गुंडों में!? हुजूर, यहां तो नज़ारा ही दूसरा है। फंस गया हीरो गुंडियों में!  महिलाओं ने हीरो के खिलाफ बड़ा प्यारा सा मोर्चा खोल रखा है। हाथों में वाद्य यंत्र लिए गा रही हैं। सबसे आगे रेहाना और इंदुमती हैं। बीच-बीच में 'लारा लप्पा गर्ल' मीना शोरी भी दिखाई दे रही हैं।  भारत को स्वतंत्र हुए एक साल बीत चुका है और  सन 1948 के फिल्म के इस गाने में भारतीय नारियों का एक अलग ही चंचल, शोख और मनभावन स्वरूप दिखाई दे...

(17) अपनी नज़र से दूर वो

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                   अपनी नजर से दूर वो.... गाना:  अपनी नजर से दूर वो । फिल्म: बाजार (1949) । गीतकार: कमर जलालबादी। संगीतकार: श्याम सुंदर और हुसनलाल-भगतराम। नायक: श्याम। नायिका: निगार सुलताना। गायक: मोहम्मद रफी।  गायिका:  लता मंगेशकर। आज के गीतकार हैं कमर जलालबादी इनके बारे में हम पहले लेख क्रमांक 14  में चर्चा कर चुके हैं: चले चक चक चक चक रेल ।  आज के गाने के गायक हैं मोहम्मद रफी और गायिका हैं लता मंगेशकर। ये गीत इन दोनों के फिल्मी संगीत के जीवन के शुरु के दिनों का है। दोनों ने ही कमाल किया है गाने में। पूरे रेल संगीत में जितना नहीं लिखा जाएगा उससे कई सैकड़ों गुना अधिक इन दोनों हस्तियों पर अभी तक लिखा जा चुका है। ईमानदारी से बोलें तो हमारी औकात भी नहीं है कि इन लोगों के बारे में कुछ नया लिख पाएं। बस नतमस्तक ही हो सकते हैं...

(14) चले चक-चक चक-चक रेल (1948)

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                   चले  चक-चक चक-चक रेल। गाना: चले चक-चक चक-चक रेल । फिल्म: मेरा मुन्ना (1948)। गायिका: ललिता देऊलकर और एक अन्य अज्ञात गायिका। गीतकार: कमर जलालाबादी। संगीतकार: सी रामचंद्र। आज का रेल गीत एक बाल गीत भी है और हास्य गीत भी है। इस गीत में शायद एक आवाज तो संभवतः  ललिता देऊलकर की है। और दूसरी आवाज़  पता नहीं किसकी है। दो बच्चे इस गाने को गा रहे हैं। इसका ऑडियो  उपलब्ध है पर इसका Video नहीं मिला। जब मिलेगा तो यहां लगा देंगे। इसके ऑडियो से ये बात तो एकदम स्पष्ट है कि ये एक रेल गीत है।  चले चक-चक चक-चक रेल । गाने के बोल: चले चक-चक चक-चक रेल। चले चक-चक चक-चक रेल। चलो जी जरा बंबई चलें। हां बंबई चलें।  चले  चक-चक चक-चक रेल। चलो जी जरा बंबई चलें। हां बंबई चलें। लगे इसमें न पानी न तेल। लगे इसमें न पानी न तेल।...

(13) जवानी की रेल चली जाए रे (1947) शहनाई

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                      जवानी की रेल चली जाए रे। गाना:   जवानी की रेल चली जाए रे। फिल्म:  शहनाई (1947)। निर्देशक और गीतकार: पी एल संतोषी। संगीत: सी रामचंद्र। गायक कलाकार: गीता दत्त, लता मंगेशकर और चितलकर (सी रामचंद्र)। (यह गीत नासिर  खान, रेहाना,  दुलारी, इंदुमती और कुमकुम  आदि पर फिल्माया गया है।) इस फिल्म की  सबसे बड़ी बात ये है की ये 15 अगस्त 1947 को रिलीज हुई थी। वो भी क्या दिन  होगा जब एक तरफ भारत आजाद हुआ होगा, चारों तरफ हर्ष और उल्लास का माहौल होगा, शहनाइयां बज रही होंगी और सिने प्रेमी लंबी-लंबी कतारें लगाकर पी एल संतोषी और सी  रामचंद्र की 'शहनाई' देखने और सुनने के लिए आतुर होंगे!                   (स्वतंत्र भारत का पहला डा...

(12) चली गाड़ी! धुआं ये उड़ाती चली।(दिल)(1946)

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।               चली गाड़ी! धुआं ये उड़ाती चली। गाना:  चली गाड़ी धुआं ये उड़ाती चली । फिल्म: दिल(1946)।गायिका: नूरजहां। गायक: मोतीलाल। गीतकार: रज़ीउद्दीन।संगीतकार: जाफर खुर्शीद। नूरजहां सन 1947 के पहले की सबसे बड़ी गायिका और अभिनेत्री थीं। उनके गाए गीत आवाज दे कहां है, आजा मेरी बर्बाद मोहब्बत के सहारे , जवां है मोहब्बत श्रोताओं के बीच आज भी लोकप्रिय हैं।  मोतीलाल राजवंश (1910 –1965), गायक-अभिनेता, देवदास और परख  के लिए फ़िल्मफ़ेयर के सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार के विजेता और हिंदी सिनेमा के संभवतः सबसे पहले स्वाभाविक अभिनेता थे। मोतीलाल के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए ये  छोटा वीडियो  देखें। आज का गाना इन दोनों बड़े कलाकारों द्वारा फिल्मी रेल यात्रा के दौरान ही गाया गया है। रेल यात्रा के साथ नूरजहां की मधुर आवाज़ और बीच-बीच...

(9) पिया देस है जाना (1943)

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पंकज खन्ना  9424810575   रेल संगीत-परिचय : ब्लॉग सीरीज को अच्छे से जानने के लिए। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में और गाने क्यों देखें या सुनें!? रेल संगीत पर अब तक लिखे गए लेख क्रमानुसार।                       पिया देस है जाना। गाना:   पिया देस है जाना   (1943) फिल्म: जबान गायक और अभिनेता: ईश्वरलाल। संगीतकार : सी रामचंद्र। गीतकार: माहिर उल कादरी। निर्माता और निर्देशक: जयंत देसाई।                               गाने के बोल: पिया देस है जाना, पिया देस है जाना। ऐसे में मोहब्बत का कोई जाम पिलाना। ऐसे में मोहब्बत का कोई जाम पिलाना पिया देस है जाना। गाते हुए खम्भे, हँसते हुए पौधे। गाते हुए खम्भे, हँसते हुए पौधे। चलते हुए रस्ते, चलते हुए रस्ते। कहते हैं ये मुझसे के, पिया देस है जाना। कहते हैं ये मुझसे के, पिया देस है जाना। पिया देस है जाना, पिया देस है जाना। ऐसे में मोहब्बत का कोई जाम पिलाना। पिया देस है जाना। लोह...